बड़ी मुक्कमल सी है ये जिंदगी ,
बड़ा सीधा-सा है इसका फलसफा,
कुछ और नहीं मांगती है ये,
चाहती है तो बस खुश रहना ||
कभी ना माँगा इसने अर्श को ,
कभी ना माँगा इसने ये सारा ज़हान,
चाहती है तो बस इतनी सी बातें,
सुकून आराम इत्मीनान ||
तस्सली की कुछ सांसे हो सीने में ,
उम्मीद के कुछ ख्वाब आंखो में ,
बहती रहे चलती रहे नदी सी ,
ख़त्म हो तो सागर में जा मिले ||
न मलाल है , न गुमान है ,
कुछ फक्र है , कुछ इत्मीनान है ,
बस चलती रहे ऐसे ही, ऐसे ही ख़त्म हो जाये ,
बस इसका इतना सा अरमान है ,
बस इसका इतना सा अरमान है ||