Monday, July 27, 2015

नज़रिया



आसमां  में बादल है, 
या गमो के साये है, 
ये उनकी याद है, 
या वो खुद ही चले आये है ॥ 
                                                                                                           
ये बारिश का पानी है , 
या मेरी आँखों के आंसू ,
दुश्मनो से दूर है , 
या अपनों को छोड़ आये है ॥ 

मुझे मिल गई है मंज़िल मेरी, 
या ज़िंदगी रुक सी गई है,
ये मेरा ही घर है, 
या सरायो के सरमाये है ॥ 

वो देते है मुझे रिश्वत , 
या प्यार से मिला तोहफा है, 
पहचानते है क्या हम खुद को , 
या आइने से धोखा खाए है ॥