मैंने खरीदा सोना उसने सुई खरीद ली,
सपनो को बुनले ऐसी रुई खरीद ली ॥
मैं भागता रहा ज़माने भर कि ख्वाहिशो के पीछे,
उसने एक मुस्कराहट से सारी कायनात खरीद ली॥
जगता रहता मैं रात भर ख्वाबो कि तलाश में,
उसने लोरिया सुना कर नींदे खरीद ली॥
ज़माने भर से लड़ते - लड़ते थक जाता हूँ हार जाता हूँ,
उसने पीठ थपथपा कर उम्मीदें खरीद ली ॥
एक मैं, जो उलझा रहता है दिन रात के चक्कर में,
उसने नज़रे उठा कर दिन और झ़ुका कर शामें खरीद ली ॥
मैं भागता रहा ज़माने भर कि ख्वाहिशो के पीछे,
उसने एक मुस्कराहट से सारी कायनात खरीद ली॥
जगता रहता मैं रात भर ख्वाबो कि तलाश में,
उसने लोरिया सुना कर नींदे खरीद ली॥
ज़माने भर से लड़ते - लड़ते थक जाता हूँ हार जाता हूँ,
उसने पीठ थपथपा कर उम्मीदें खरीद ली ॥
एक मैं, जो उलझा रहता है दिन रात के चक्कर में,
उसने नज़रे उठा कर दिन और झ़ुका कर शामें खरीद ली ॥