गुज़ार दिया आज मैंने,
कल की फ़िक्र करते हुए,
बीत जाती है ज़िंदगी,
कभी जीते हुए कभी मरते हुए॥
उम्र भर भींच कर रखी उंगलिया,
खोली मुट्ठी तो बस लकीरे निकली,
उम्र बीती फिर भी ये सारी,
मेरा मेरा करते हुए॥
जानता हूँ वो वक़्त नहीं है,
पर वो लौट कर आने वाले भी नहीं,
बीतता है अब भी बारिश का मौसम,
याद उन्हें करते हुए॥
कुछ मिल गया तो खुश हो ले,
कुछ ना मिला तो जाने दे,
कुछ और वक़्त है बीत ही जायेगा,
कुछ रोते हुए कुछ हँसते हुए॥
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